विधि में भविष्य
देखा देखी की होड में छात्र-छात्राएं दिशाहीन है। सही गाइडेन्स के अभाव मे विद्यार्थी अभिभावकों और नजदीकी शिक्षाविदों से परामर्श कर शिक्षा की दिशा तय कर रहें। उनके पास परिधि पार सोच(out of box Thinking) देने वाले सलाहकारों का अभाव है। जिसकी वजह से अकेले राजस्थान में लगभग 20 लाख बी.एड. बेरोजगार है और अन्य पसंदीदा विषयों में यही हाल है। बेरोजगारों की लगातार भीड लग रही है।
विधि की शिक्षा में विद्याार्थी अपना भविष्य संवार सकते हैं। गाँव के लोगों का इस ओर रूझान अभी तक नकारात्मक ही रहा है। खासतौर से छात्राऔं के लिए विधि शिक्षा के नाम पर तो गाँवों में पूर्ण विराम लगा हुआ। शहरों की छात्राएं इसका भरपूर लाभ उठा रही है। यह तथ्य बिल्कुल स्पष्ट है कि ग्रामीण छात्राओं का इस ओर रूझान अत्यंत अल्प है। जबकि होनहार छात्राओं के लिए अवसर अत्यधिक अनुकूल है। जितनी मेहनत में 75% - 80ः% अंक प्राप्त करने वाली छात्राएं शिक्षक बनने में करती है उसकी आधी मेहनत में मजिस्ट्रेट(जज) बन सकती है। गत वर्षों के न्यायिक परीक्षाओं के परिणाम यह बताते है कि पुरूषों की तुलना महिलाओं का चयन अधिक हुआ है। तथ्य परक,तार्किक सोच तथा विवेचनात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों के कानून पढाई अधिक उपयोगी सिद्ध होगी।
इसके अतिरिक्त L.L.B किये विद्यार्थियों के लिए L.A., APO छोटी बडी सभी कम्पनियों में कानूनी सलाहकार के पद भी होते हैं जहां विद्यार्थी थोडी मेहनत में ही अपना भविष्य बना सकते है। डाॅक्टर,वकील(अधिवक्ता) का Profession किसी समय बहुत Nobal माना जाता था। अच्छे वकील आज भी सम्मान की दृष्टि से देखे जाते है। छात्राएं आयें और इस क्षेत्र में अपना भाग्य आजमायें। मेरा दावा है कि उनको निराशा हाथ नही लगेगी। कुछ भी नही तो उनसे बेहतर रहेगी जो अच्छी Percentage से Post Gradution बाद भी बेरोजगारी में गुमनाम है।
बाबा खेतानाथ महिला विद्यापीठ में संचालित सेठ राजनारायण गुप्ता महिला विधि महाविद्यालय आप सब के लिए घर आयी गंगा जैसा है। सुदूर देहात में छात्राओं को विधि शिक्षा देने वाला इकलौता कॅालेज है जो नाम मात्र शुल्क पर छात्राओं का विधि शिक्षा दे रहा है।